Last modified on 1 अप्रैल 2014, at 11:51

मैं हूँ अनास्था पर लिखा / केदारनाथ अग्रवाल

मैं हूँ अनास्था पर लिखा
आस्था का शिलालेख
नितान्त मौन,
किन्तु सार्थक और सजीव
कर्म के कृतित्व की सूर्याभिमुखी अभिव्यक्ति;
मृत्यु पर जीवन के जय की घोषणा।