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म्हैं आयो जणा / सांवर दइया
Kavita Kosh से
एक दिन भंवरो आयो
फूलां बंतळ करी कोनी
पेड़ री डाळ माथै
चिड़ो एकलो ई करतो रैयो चीं-चीं
चिड़ी सुर में सुर मिलायो कोनी
हेलो पाड़ियो आभै
पण धरती बोली कोनी
बोली कोनी धरती जणा पछै
तूं किंयां बोलती
उन्हाळै सूं अमूज्योड़ी धरती माथै
बरस्या बादळ
पसवाड़ां माथै पसवाड़ा फोरण लागी
धरती
बीं घड़ी
म्हैं आयो जणा
मुळकती लाधी म्हनै तूं ई !