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रब सबको अवसर दें / कैलाश झा 'किंकर'
Kavita Kosh से
रब सबको अवसर दें
हाथ सभी के सर दें।
आप हमारे मन को
उम्मीदों से भर दें।
बेघर लोग विकल हैं
आप उन्हें भी घर दें।
आप नहीं भूलेंगे
बात यही लिखकर दें।
पंख दिए हैं जिसने
उड़ने को अम्बर दें।