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रात्रि-भाषा / धूमिल
Kavita Kosh से
हाथों की भाषा
आँखों के संकेत
अच्छी तरह जानते हैं दोस्त !
दुश्मन की बेचैनी हर जगह
हथियार से टटोल रही है
यह है पेट
अंतडियाँ यहाँ हैं
भूख के आँसू ? इन्हें चलने दो ?
और यह रहा-- गुस्सा
हड़कम्प तेवर
आदमी होने की बान
इसे जाम करो ?