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लिप्त कालीयक तनों पर... / कालिदास
Kavita Kosh से
लो प्रिये हेमन्त आया!
लिप्त कालीयक तनों पर
- सुरत उत्सव का प्रसाधन,
सुखकमल पर दिख रहा
- कस्तूरिका का पत्र लेखन,
चिकुर कालागुरु सुगंधित
- धूप से, यों तन सजाया
लो प्रिये हेमन्त आया!