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वर्षा गीत / बालकृष्ण काबरा 'एतेश' / लैंग्स्टन ह्यूज़

चूमने दो
बारिश को तुम्हें
गिरने दो
अपने सिर पर
बारिश की रजत-बूँदें
गाने दो
बारिश को अपने लिए एक लोरी

बारिश बनाती है
फुटपाथ पर शान्त डबरे
बारिश से
डबरे बहते हैं गटर में
बारिश गाती है
मानो निद्रा-गीत रात में
हमारी छत पर

और
मुझे प्यार है
बारिशों से।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’