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वह औरत रोक रही है उसे / लाल्टू
Kavita Kosh से
खिड़की खोलता हूँ
देखता है मोर गर्दन टेढ़ी कर
चीख़ता जोर से
मोदी को फाँसी दो
हम हिसाब लगाते हैं
नहीं हिटलर मोदी से भी बुरा था
हम जेबें टटोलते हैं
मोदी की वजह से मालोमाल होते हैं
यह तो वही जानता है
जो मोदी के खेल में खो गया है
कि एक मोदी की कीमत कितनी भयानक है
कि एक ऐसा हिसाब है यह
जो कभी पूरी तरह हल नहीं होता
खुली खिड़की के पार मोर
कहीं दूर चला गया है
कहीं दूर जहाँ एक औरत
आज तक ढूँढ रही है
बहुत पहले खो गया पति का चेहरा
सुनो वह औरत रोक रही है उसे
जो मोदी के साथ खेलने निकला है ।