जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां, </
जग्गा जमया ते मिलन वधाईयां, 
के वड्डे हो के डाके डालदा, जगया, 
के तुर परदेस गयों वे बुआ वजया,
-जग्गा, जमया ते मिलन वधाईयां, 
के सारे पिंड गुड वण्डया, जगया, 
के तुर परदेस गयों वे बुआ वजया,
जग्गे मारया लैलपुर डाका, के तारां खड़क गईयाँ 
-जे मैं जाणदी जग्गे मर जाणा, 
मैं इक थाईं दो जणदी, जगया!
के टुट्टी होई माँ दे कलेजे छुरा वजया 
-जग्गे जिन्दे नू सूली उत्ते टंगया, 
ते भैण दा सुहाग चुमके, मखना, 
के क्यों तुर चले गयों बेडा चखना,
-जग्गा मारया बोड दी छां ते, 
के नौ मण रेत भिज गयी, सुरना !
के माँ दा मार दित्ताइ पुत्त सूरमा,
-चली दुक्खां दी अन्हेरी ऐसी, 
के दीवे वाली लाट बुझ गयी, चानना!
वे तेरे बिना मान कित्थे नहिंयों जानना?
- वे तू दुक्ख पुत्तरां दा वेखें, 
वे टूटे तेरा मान हाकमा, ढोल वे! 
के गंगाजल विच क्यों दित्तइ जहर घोल वे,
-सानू शगणा दा कर दे लीरा, 
के छड़ेयां दा पुन्न तोड़ दे, हाल नी! 
के होणी खेड गयी, चाल नेरे नाळ नी, 
-बारी खोल के यारी दी लाज रख लै,
मित्तरो! तेरे चन दी, नारे नी 
देख तेनु सज्जन बुए ते वाजाँ मारे नी, 
-लम्ब होकयां दे बल पये औंदे, 
के खदरान नू अग्ग लग गई, हाय नी!
के भौर उड़ गये ते फुल कुम्ल्हाने नी.
-जग्गा, जमया ते मिलन वधाईयां, 
के सारे पिंड गुड वण्डया, जगया, 
जगया, के तुर परदेस गयों वे बुआ वजया,
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