भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
विदा की कविता / एज़रा पाउंड
Kavita Kosh से
हलकी धूल पर हो रही है हलकी बारिश
सराय के आँगन में सरो के पेड़
लगातार, हरे, और हरे होते जाएँगे
लेकिन आप, श्रीमान, विदा होने से पहले
मदिरा ले लें
क्योंकि आपके गिर्द कोई मित्र नहीं रह जाएगा
जब पहुँचेंगे आप गो के द्वारों के पास
(रिहाकू या ओगाकित्सू)
अँग्रेज़ी से अनुवाद : नीलाभ