• गृह
  • बेतरतीब
  • ध्यानसूची
  • सेटिंग्स
  • लॉग इन करें
  • कविता कोश के बारे में
  • अस्वीकरण

पृष्ठ इतिहास

तू तो जान / ओम पुरोहित ‘कागद’

7 जुलाई 2010

  • Neeraj Daiya

    नया पृष्ठ: <poem>सुना है तेरे यहां से आते है घुमड़ कर बादल तू ही टोरता है जिधर जी …

    04:22

    +1,029

  • Kavita Kosh

    • मोबाइल‌
    • डेस्कटॉप
  • गोपनीयता