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'''मुल्क की उम्मीद-ओ -अरमान मेरे राम,
'''इंसान की मुकम्मिल पहचान मेरे राम। '''
'''शिवाला की आरती के प्रान मेरे राम,''''''रमजान की अज़ान के भगवान् मेरे राम।'''
'''काशी काबा और चारो धाम मेरे राम,'''
'''दर्द खुद लिया दिया मुसकान मेरे राम,'''
'''रहमत के फ़रिश्ते रहमान मेरे राम,'''
'''हर करम पे रखे ईमान मेरे राम,'''