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घर के भीतर / ओरहान वेली

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कम से कम देख तो सकते हैं आप उड़ते हुए परिन्दे
चारों तरफ़ दीवालों को घूरने की बजाए
 
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल'''
</poem>
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