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तुम कहते संघर्ष कुछ नहीं / मनुज देपावत
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05:55, 12 जनवरी 2011
हम विप्लव का शंख फूंकते, शत -सहस्त्र भूखे नंगे तन !
तुम कहते संघर्ष कुछ नहीं, वह मेरा जीवन अवलंबन !
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अनिल जनविजय
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