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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एहतराम इस्लाम |संग्रह= है तो है / एहतराम इस्लाम }} …
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{{KKRachna
|रचनाकार=एहतराम इस्लाम
|संग्रह= है तो है / एहतराम इस्लाम
}}
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<poem>
अंतरगति का चित्र बना दो कागज़ पर
मकड़ी के जले तानवा दो कागज़ पर
गुमराही का नर्क न लादो कागज़ पर
लेखक हो तो स्वप्न सज़ा दो कागज़ पर
युक्ति करो अपना मन ठण्ढा करने की
शोलों के बाजार लगा दो कागज़ पर
होटल में नंगे जिस्मों को प्यार करो
बे शर्मी का नाम मिटा दो कागज़ पर
कोई तो साधन हो जी खुश रहने का
धरती को आकाशा बना दो कागज़ पर
यादों की तस्वीर बनाने बैठे हो
आंसू की बूँदें टपका दो कागज़ पर
अनपढ़ को जिस ओर कहोगे जाएगा
सभी सुशिक्षित को बहका दो कागज़ पर
</poem>
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|संग्रह= है तो है / एहतराम इस्लाम
}}
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अंतरगति का चित्र बना दो कागज़ पर
मकड़ी के जले तानवा दो कागज़ पर
गुमराही का नर्क न लादो कागज़ पर
लेखक हो तो स्वप्न सज़ा दो कागज़ पर
युक्ति करो अपना मन ठण्ढा करने की
शोलों के बाजार लगा दो कागज़ पर
होटल में नंगे जिस्मों को प्यार करो
बे शर्मी का नाम मिटा दो कागज़ पर
कोई तो साधन हो जी खुश रहने का
धरती को आकाशा बना दो कागज़ पर
यादों की तस्वीर बनाने बैठे हो
आंसू की बूँदें टपका दो कागज़ पर
अनपढ़ को जिस ओर कहोगे जाएगा
सभी सुशिक्षित को बहका दो कागज़ पर
</poem>