भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम / दुष्यंत कुमार]]
* [[होने लगी है जिस्म में जुंबिश तो देखिये / दुष्यंत कुमार]]
* [[मैं जिसे ओढ़ता—बिछाता ओढ़ता-बिछाता हूँ / दुष्यंत कुमार]]
* [[अब किसी को भी नज़र आती नहीं कोई दरार / दुष्यंत कुमार]]
* [[तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं / दुष्यंत कुमार]]