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रोतों का तुम हँसाओगे अच्छा ख़याल है / मोहम्मद इरशाद
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07:43, 11 अप्रैल 2011
‘इरशाद’ तुम तो जी चुके भरपूर ज़िन्दगी
जीना हमें सिखाओगे अच्छा ख़याल
है
</Poem>
आशिष पुरोहित
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