गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हे मेरी तुम !.. / केदारनाथ अग्रवाल
44 bytes added
,
05:37, 15 अप्रैल 2011
|संग्रह=फूल नहीं, रंग बोलते हैं-1 / केदारनाथ अग्रवाल
}}
{{KKAnthologyLove}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
हे मेरी तुम !
बिना तुम्हारे--
जलता तो है
दीपक मेरा
लेकिन
ऎसे
ऐसे
जैसे आँसू
की यमुना पर
छोटा-सा
खद्योत
टिमकता,
क्षण में जलता
क्षण में बुझता ।
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits