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|रचनाकार = शमशेर बहादुर सिंह
}}
{{KKAnthologyLove}}{{KKCatKavita}}<poem>’''एक विचित्र प्रेम अनुभूति}'''
थरथराता रहा जैसे बेंत
मेरा काय...कितनी देर तक
आपादमस्तक
एक पीपल-पात मैं थरथर ।
झन-झन
देर तक बजती रही
और समस्त वातावरण
मानो झंझावात
स्थिति का