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माखन-चोरी / सूरदास

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|रचनाकार=सूरदास
|संग्रह=सूर सुखसागर / सूरदास
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मैया री, मोहिं माखन भावै ।<br>
जो मेवा पकवान कहति तू, मोहिं नहीं रुचि आवै । <br>