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Kavita Kosh से
Corrected spelling mistakes and added meanings to tough words
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हर कोई दिल की हथेली पे है सहरा रक्खे,
किसको सैराब <ref>तृप्त</ref> करे वो किसे प्यासा रक्खे ।
उम्र भर कौन निभाता है उम्र भर ताल्लुक़ इतना,
ऐ मेरी जान के दुश्मन तुझे अल्लाह रक्खे ।
दिल भी पागल है के उस शख़्स से वाबस्ता है,
जो किसी और का होने दे ना अपना रक्खे ।
ये अता’अत क़ना’अत<ref>Satisfaction</ref> है क़ता’अत , इता’अत<ref>Loyalty, Obedience</ref> है , के चाहत है ’फ़राज़’,
हम तो राज़ी हैं वो जिस हाल में जैसा रक्खे ।
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