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रचाओ हो बाबुल मेरो ब्याह रचाओ - २

कैऊ कल्प बीत गये याकों
तौऊ भई नहिं शादी है
ब्रह्मा विष्णु गोद खिलाये
महादेव की दादी है....
</poem>