गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
किसी जगह / महेश वर्मा
No change in size
,
06:25, 6 मई 2011
तुम्हें मिलेगा धूप का एक कतरा
जो छूट गया था एक पुराने दिन की कच्ची सुबह से
और
वहां
वहाँ
गूँजता होगा एक चुंबन
बीतते जाते हैं बरस और
पुरानी जगहों पर ठिठका, रूका रहता है
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,461
edits