भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=उमेश चौहान|संग्रह=जिन्हें डर नहीं लगता / उमेश चौहान
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
'''नई नस्ल के कबूतर '''
उन्हीं के हाथों में कबूतर थे
उन्हीं की जेबों में दाने थे