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|रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा
}}
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हॉट-पॉट में रखा है अब भी गर्म चाँद
उसने ये कहा है कि तुम्हारे लिये है
आज फिर माँ ने खाना नहीं खाया होगा
</poem>
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|रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा
}}
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हॉट-पॉट में रखा है अब भी गर्म चाँद
उसने ये कहा है कि तुम्हारे लिये है
आज फिर माँ ने खाना नहीं खाया होगा
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