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अब क्यों उदास आपकी सूरत भी हुई है / गुलाब खंडेलवाल
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01:44, 15 जून 2011
कुछ बात बिना कोई मुहूरत भी हुई है
मैं जिन्दगी को रख दूँ छिपाकर
की
कि
मेरे बाद
सुनता हूँ, उनको इसकी ज़रूरत भी हुई है
Vibhajhalani
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