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*[[भग्न तारों को सजाकर, / प्रथम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[होती गयी रजनी गहन से गहनतर, / प्रथम सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[[और एक दिन निशि के सूनेपन में रूग्ण पिता के / द्वितीय सर्ग / गुलाब खंडेलवाल]]
*[['मन्त्र पुराने काम न देंगें, मन्त्र नया पढ़ना है / तृतीय सर्ग/ गुलाब खंडेलवाल]]