गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पिउ पिउ न पपिहरा बोल / जगदीश व्योम
2 bytes removed
,
10:02, 13 अगस्त 2011
आंखों के मिस दे दिया निमंत्रण मुझे किसी ने जब से
सुधियों की बदली उमड़ घुमड़ घेरे रहती है तब से
मीरा के भजन, मुझे लगता अब, संबल बन जाएंगे।
होगी रिमझिम बरसात पुराने ज़ख्म उभर आएंगे।।
डा० जगदीश व्योम
933
edits