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*[[अपने लहू से सींचो ,अब प्यार के चमन को / पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"]]
*[[अपने वतन की ख़ुशबू ,फैली है कुल जहाँ में / पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"]]
*[[अभी बोल उठ्ठेगी, पत्थर कि मूरत /पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"]]