भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रसिद्धी / अनीता अग्रवाल

424 bytes added, 07:42, 9 नवम्बर 2011
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनीता अग्रवाल |संग्रह= }} <poem> प्रसिद...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अनीता अग्रवाल
|संग्रह=
}}
<poem>

प्रसिद्धी आती है
बताकर
प्रेम आता है
निःशब्द
कभी आँखें भाषा बनती है
कभी भाषा को
आँखें चकित करती है
अन्तस्तल के साथ


</poem>
30
edits