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कवि: [[{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=चंद्रसेन विराट]][[Category:कविताएँ]]}}
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[[Category:चंद्रसेन विराट]]
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तुम कभी थे सूर्य लेकिन अब दियों तक आ गये।