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00:55, 8 मार्च 2012 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= शिवदीन राम जोशी
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<poem>
क्या कैसे हो विनती, ना जानू भगवान,
जानि न पाया आज तक, होता क्या है ज्ञान |
होता क्या है ज्ञान, ध्यान लग जाता कैसे,
भक्ति क्या है करूँ, भरम भग जाता कैसे |
शरणागत हूं रामजी, संत चरण का दास,
शिवदीन दीन के हृदय में, कर दो प्रेम प्रकाश |
राम गुण गायरे ||
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