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1916 में प्रकाशित अमेरिका को स्वतंत्रता कैसे मिली पुस्तिका के अंतिम कवर पृष्ठ पर हितैषी की लोकप्रिय रचना शहीदों की चिताओं पर ..... प्रकाशित हुयी थीं। पुस्तिका के छपते ही प्रतिबंधित हो जाने के कारण ये पंक्तियां देश के क्रांतिकारियों के मध्य चोरी से बंटवायी गयी।
==स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा==
आचार्य [[गया प्रसाद गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही' ]] जो त्रिशूल उपनाम से कवितायें लिखा करेते थे हितैषी के काब्य गुरू थे। उन्होंने 1913 से 1936 तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बढ चढ कर हिस्सा लिया । कानपुर के टाउन हाल में झंडा आन्दोलन के दौरान उनके द्वारा झंडा फहराया गया ।
==सवैयों का बादशाह==
[[श्रीनारायण चतुर्वेदी]] उन्हें सवैयों का बादशाह कहते थे।
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