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(1)
ऐ सितमगर<supref>1जुल्म ढानेवाला</supref> मेरे इस हौसले की दाद दें,सामने तेरे अगर फरियाद<supref>2शिकायत, परिवाद, न्याय-याचना, सहायता के लिए पुकार</supref> कर लेता हूँ मैं।
(2)
नहीं है राज कोई राज दीदावर<supref>3किसी चींज के गुण-दोष अच्छी तरह समझने वाले</supref> के लिये,
नकाब पर्दा नहीं शौक की नजर के लिये।
(3)
बला<supref>4मुसीबत, विपत्ति, आस्मानी मुसीबत</supref> है कहर है आफत है फित्ना है कयामत है,
हसीनों की जवानी को, जवानी कौन कहता है?
(4)
मिल गया आखिर निशाने-मंजिले-मकसूद मगर,
अब यह रोना है कि शौके-जुस्तजू<supref>5तलाश</supref> जाता रहा।
(5)
यह किसने कह दिया गुमराह कर देता है मैखाना<supref>6शराबखाना</supref>,खुदा की फजल<supref>iमेहरबानी, कृपा</supref> से इसके लिए मंदिर हैं, मस्जिद हैं।{{KKMeaning}}
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