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*[[आईना भी मुझे बरगलाता रहा / ललित मोहन त्रिवेदी]]ग़ज़ल
*[[नदी की धार चट्टानों पे, जब आकर झरी होगी / ललित मोहन त्रिवेदी]]
*[[नींद आती नहीं है, ये क्या हो गया / ललित मोहन त्रिवेदी]]