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Kavita Kosh से
*[[इन्तज़ार ए सुबह ए नो है शाम से / ज़िया फ़तेहाबादी]]
*[[बीते हुए दिनों की यादें सजा रहे हैं / ज़िया फ़तेहाबादी]]
*[[मैं अपने आप से हूँ महव ए गुफ़्तगू अब तक / ज़िया फ़तेहाबादी]]
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