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Kavita Kosh से
'जागे हैं अब सारे लोग तेरे देख वतन गूंजे है नारों से ...' के साथ नया पन्ना बनाया
जागे हैं अब सारे
लोग तेरे देख वतन
गूंजे है नारों से
अब ये ज़मीन और ये गगन
कल तक मैं तन्हाँ था
सूने थे सब रस्ते
कल तक मैं तन्हाँ था
पर अब हैं साथ मेरे
लाखों दिलों की धड़कन
देख वतन
आज़ादी पाएंगे
आज़ादी लायेंगे
आज़ादी छाएगी
आज़ादी आएगी
जागे हैं अब सारे
लोग तेरे देख वतन
गूंजे है नारों से
अब ये ज़मीन और ये गगन
कल तक मैं तन्हाँ था
सुने थे सब रस्ते
कल तक मैं तन्हाँ था
पर अब हैं साथ मेरे
लाखों दिलों की धड़कन
देख वतन
हम चाहे आज़ादी
हम मांगे आज़ादी
आज़ादी छाएगी
आज़ादी आएगी
लोग तेरे देख वतन
गूंजे है नारों से
अब ये ज़मीन और ये गगन
कल तक मैं तन्हाँ था
सूने थे सब रस्ते
कल तक मैं तन्हाँ था
पर अब हैं साथ मेरे
लाखों दिलों की धड़कन
देख वतन
आज़ादी पाएंगे
आज़ादी लायेंगे
आज़ादी छाएगी
आज़ादी आएगी
जागे हैं अब सारे
लोग तेरे देख वतन
गूंजे है नारों से
अब ये ज़मीन और ये गगन
कल तक मैं तन्हाँ था
सुने थे सब रस्ते
कल तक मैं तन्हाँ था
पर अब हैं साथ मेरे
लाखों दिलों की धड़कन
देख वतन
हम चाहे आज़ादी
हम मांगे आज़ादी
आज़ादी छाएगी
आज़ादी आएगी