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राष्ट्र-पिता के समक्ष / हरिवंशराय बच्चन
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10:55, 25 सितम्बर 2012
ऐसा हुआ,वैसा हुआ,कैसा हुआ !
शत-शत,इसी ढब की,कालिमा की
छद्म छायाएँ
च्दुर्दिक
चतुर्दिक
विचरती हैं.
Sharda suman
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