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भीख मांगते उसी त्रिलोचन को देखा कल / त्रिलोचन
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{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
|संग्रह=उस जनपद का कवि
हूं
हूँ / त्रिलोचन
}}
{{KKCatKavita}}
स्वाभिमान ज्योतिष्क लोचनों में उतरा था,
यह मनुष्य था, इतने पर भी नहीं मरा था ।
</>
''('उस जनपद का कवि
हूं
हूँ
' नामक संग्रह से )''
Sharda suman
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