भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भावी री अंवेर / मोनिका गौड़

669 bytes added, 03:59, 18 अक्टूबर 2013
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोनिका गौड़ |संग्रह= }} [[Category:मूल राज...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मोनिका गौड़
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita‎}}
<poem>सिराणै राख’र
अरजां रा तकिया
वा लोरी मांय
धीजो गावै

आंगळ्यां फेरती
बाळां मांय
जीवण रा रहस
सुळझावै

मूंडै माथै छिड़क’र
किरण्यां
जद दिनूगै उठावै
मां
म्हनैं सांपड़तै
भगवान निजर आवै!</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,492
edits