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|रचनाकार=सुभाष काक
|संग्रह=मिट्टी का अनुराग / सुभाष काक
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कई स्थान हैं
जहाँ मैं कभी नहीं पहुँचा
उसे तुम नहीं
पढ़ सकती।
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