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Kavita Kosh से
जब दुखी या परेशान होती तब भी
मैंने पूछा, ऐसा क्यों करती हैं?
बोलीं, ''"हथेलियों पर उसकी सूरत नजर आती है''"।मैने कहा, ''"उसकी सूरत से यह दुनिया नहीं चलती''"।वे बोलीं, ''"उसकी सूरत के बिना भी तो नहीं चलती ''"।
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