Changes

जरूरी चीजें / विपिन चौधरी

1,384 bytes added, 07:53, 22 अप्रैल 2014
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विपिन चौधरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCa...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विपिन चौधरी
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
धावकों के पांवों के उँगलियों के बीच
उगी 'फफूंद'
जरूरी है
जीत जितनी ही
लोकतन्त्र के लिए सफेदपोश 'मसखरे'
जरूरी है
जीवन के लिए
हवा-आग-पानी में बजबजाते 'अणु'
प्रेम के लिए स्नेह में पगी 'आत्मा'
लोहे का लहू सटकने के लिए जंग की लपलपाती 'जीभ'
जरुरी है बंद अलमारी में जमी 'धूल'
सुरक्षित आस्थाओं के लिए
पसीने की गंध
'देह की पहचान' के लिए
जिस तरह जरूरी है कतरे के लिए जरूरी है 'आंख'
उसी तरह जरूरी है मिटटी की सेहत के लिए 'नमी'
पर अंतिम घड़ी तक यह तय नहीं हो पाया है
कितनी जरूरी हूं 'मैं'
तुम्हारे लिए
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
1,983
edits