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Kavita Kosh से
इधर उधर ।'क्या आरपार तुम होकर पाये
खड़े खड़े इस पोखर को ।''न।''काली रेखा
उभरी मुख पर, मर्द हो गये हुआ न यह भी?'
'मर्द?' 'और क्या बच्चा ही होता है वह भी ।'