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09:56, 25 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पुष्पिता
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
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<poem>
शब्द में
अर्थ की तरह
तुम हो मुझमें
सुख में
खुशी की तरह।
उजाले में
चमक की तरह।
सन्नाटे में
चुप्पी की तरह।
शांति में
मौन की तरह।
पर्वतों में
ऊँचाई की तरह।
सागर में
गहराई की तरह।
पानी में
नमी की तरह।
प्रेम में
प्रेम की तरह
तुम हो मुझमें।
</poem>