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06:02, 27 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पुष्पिता
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|संग्रह=
}}
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<poem>
कविताओं ने
पहन लिया है काला कोट
शब्दों का
समय के विरोध में
कविता का हर शब्द
हालात के मातम में मौन।
कुछ लोग लील लिए हैं
समय के प्रतिरोधी सच्चे शब्दों को
बहुत कम शब्द बचे हैं
जो बोलते हैं अपने अर्थ
शब्दों की मौलिक प्रकृति के साथ।
</poem>