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19:07, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>थिकहुँ बंगालिन, बसी बंगाला
सुरपुरसँ अयलहुँ अछि
सुरपुर नदिया नाव बहाओल
अपनहि तरहथ दही जमाओल
कोठी कन्हा बरद घुमाओल
चुल्हाक पुत्ता सारी उपजाओल
आलरि-झालरि कांधे कामरु माथे बीयनि
पहिल योगिनियाँ तोहें अपन सासु हे
आबे बाबू पड़ल जोगिनियाँ के वश हे
</poem>