1,156 bytes added,
10:02, 1 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>हरिअर हरिअर बेल केर पात हे सखि कोबर घर मे
रघुवर तोड़थि बेलपात हे सखि कोबर घर मे
सोनाक साजी सिया हाथ कय लेलनि हे सखि कोबर घर मे
दुलहा तोड़थि बेलपात हे सखि कोबर घर मे
बेलपात तोड़थि दुलहा दुलहिन भवन मे हे सखी कोबर घर मे
बैसलि छथि सुकुमारि हे सखि कोबर घर मे
गिरिजा पूजथि सीया सुमंगल गाउ हे सखि कोबर घर मे
मांगल मंगल वरदान हे सखि कोबर घर मे
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader