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नीड़ बुलाए / अवनीश सिंह चौहान

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अब तो वापस मंगल पाखीवापस आओ पंछीतुझको सूना नीड़ बुलाए
खेत-खेत में फूली सरसों फूलीडाल-डाल पर कलियाँ झूलींबाग-बगीचे खेत हमारेमोर नाचतेरंगहीन हैमैना शोर मचाएबिना तुम्हारे
आँचल माँ का छत पर मोरतुझको हेरेनाचने आतारुनझुन बिछुआ तुझको टेरेनन्हा मोती आँगन-चौरे अपना राग सुनाएसुगना शोर मचाए
झील नज़र की आँचल-धानीधीरज खोतीतुमको हेरेमौन लहर रुनझुन पायलयादों को ढोतीतुमको टेरेगुमसुम द्वारे दिन सीपी केचढ़ आये हैंमोती हूक उठाए ताल किनारेहैं तनहा हमहंस पूछतेक्यों आँखें नम द्वार खड़ा जोपेड़ पुरानाआम कातेरी आस लगाएबहुत-बहुत कड़ुवाए
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