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Kavita Kosh से
ये रस्ता प्यार का रस्ता;
रसन<ref>रस्सी </ref> का, दार<ref> फांसी</ref> का रस्ता बहुत दुश्वार है जानाँ
कि इस रस्ते का हर ज़र्रा <ref> कण<ref>भी इक कोहसार <ref>पहाड़ </ref>है जानाँ
कहो तो लौट जाते हैं…
मेरे बारे न कुछ सोचो…