491 bytes added,
13:09, 20 मार्च 2015 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=बघेली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह=
}}
{{KKCatBagheliRachna}}
<poem>
तेल लगावै नरिआर का
अरे हां हां तेल लगावै अरे नरिअर का
औ पाटी पारइ बनाय
धोती मंगावै अरे मलमल कै
या कहां कै छैलिनि आय
हुर जहा हा हा
</poem>